हाथियों का आतंक, आधा दर्जन बकरियों को उतारा मौत के घाट

कोरबा । जिले के कटघोरा वनमंडल में हाथियों का आतंक व गुस्सा थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। यहां के पसान रेंज के तनेरा गांव में घूम रहे 43 हाथियों के दल ने लगातार दूसरे दिन अपना गुस्सा उतारते हुए दो ग्रामीणों के मकान को ढहा दिया। इतना ही नहीं वहां कोटे में बंधे आधा दर्जन बकरा-बकरी को भी हमला कर मौत के घाट उतारने के साथ आंगन में रखे मक्का व धान को चट कर दिया।
तनेरा गांव में हाथियों द्वारा बड़े पैमाने पर नुकसान किये जाने की सूचना पर वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचकर नुकसानी का सर्वे शुरू कर दिया है। वहीं ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार कटघोरा फारेस्ट डिविजन के पसान रेंज में 43 हाथी घूम रहे हैं। तीन अलग.अलग झूंडों में घुम रहे हाथियों का दल कल शाम को एक साथ हो गए और शाम ढलते ही रेंज के तनेरा गांव के गौरेला पारा में धावा बोलते हुए रामचरण पिता समयलाल तथा देवप्रसाद पिता रामचरण के घर को निशाना बनाते हुए उसे बूरी तरह से तोड़ दिया। तथा रामचरण के कोठे में बंधे दो बकरा व बकरी को हमला कर मौत के घाट उतार दिया। वहीं देव प्रसाद के आंगन में रखे एक क्ंिवटल मक्का तथा 7 क्ंिवटल के लगभग धान को चट कर दिया। हाथियों का उत्पात गौरेला पारा में काफी समय तक चला। इस बीच ग्रामीणों ने वन विभाग को हाथियों के बड़ी संख्या में गांव के निकट पहुंचने तथा इसमें से कुछ उत्पाती हाथियों द्वारा गौरेला पारा में प्रवेश कर उत्पात मचाये जाने की सूचना दीए जिस पर वन विभाग का अमला तत्काल मौके पर पहुंचा और मशाल, अलाव जलाने के साथ ही ग्रामीणों की मदद से हाथियों को खदेडऩे की कार्रवाई की।
वन अमले द्वारा खदेड़े जाने पर हाथियों ने जंगल रूख किया। वन अमला काफी देर तक गांव में उपस्थित होकर हाथियों की निगरानी करता रहा। सुबह होने पर वन अमला हाथियों द्वारा किये गए नुसानी का सर्वे करने के साथ रिपोर्ट तैयार की। इससे पहले दहशत के मारेे ग्रामीण रतजगा करते रहे। हाथियों ने सोमवार की रात भी तनेरा के गौरेला पारा में धावा बोलकर पेड़ के नीचे बंधे तीन बैलों पर हमल कर घायल कर दिया था। इतना ही नहीं खेतों में पहुंचकर वहां काट कर रखे गए, धान के करपे को चट कर दिया था। हाथियों के लगातार दूसरे दिन गौरेला बस्ती में पहुंचने तथा उत्पात मचाने से ग्रामीण दहशत में है। साथ ही उनमें गुस्सा भी है जो कभी भी विस्फोटक रूप ले सकता है।

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Author: mithlabra

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