2 बेटी के बाद हुआ बेटा टीका लगवाने पर मौत, मासूम का शव लेकर परिजन पहुंचे कलेक्ट्रेट

 

कोरबा । रिस्दी वार्ड में आंगनबाड़ी केंद्र में डेढ़ माह के बच्चे की टीका लगवाने के बाद मौत हो गई। शनिवार सुबह परिजन स्थानीय लोगों के साथ मासूम के शव को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचेए जहां उन्होंने बच्चे की मौत एक्सपायरी डेट का टीका लगाने से होने की बात कहते हुए कार्रवाई की मांग की। शहर के रिस्दी वार्ड में निवासरत दिलबोध और कांति बाई के डेढ़ माह के बच्चे हर्षित को बीमारियों से बचाने शुक्रवार को वार्ड के आंगनबाड़ी केंद्र में टीका लगाया गया था। टीका लगने के बाद हर्षित को बुखार चढ़ गया।

परिजन ने जब कार्यकर्ता अनिता रात्रे को बताया तो उसने टीका लगने के बाद हल्का बुखार आना सामान्य बात होनी बताई, लेकिन रात में बुखार तेज हो गया। सुबह होने पर बच्चा नहीं उठा। परिजन ने देखा तो उसकी मौत हो चुकी थी। इससे परिजन रोने-बिलखने लगे। परिजन के साथ बच्चे का शव लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां गेट के के सामने बैठकर मामले में कार्रवाई की मांग करने लगे। कांति बाई बच्चे के शव को गोद में लिए बैठी थी। जानकारी होते ही रामपुर चौकी से पुलिस बल वहां पहुंचा। वहीं तहसीलदार मुकेश देवांगन, सीएसपी विश्व दीपक त्रिपाठी के साथ ही विभाग के अफसर पहुंचे और समझाइश देते हएु शांत कराया।बच्चे को लगाया गया था पीवीसी टीका:-स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक जन्म से लेकर 5 साल तक के बच्चों में निमोनिया का खतरा सबसे अधिक रहता है। इसलिए पीवीसी न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन टीका लगाया था। उक्त टीका जन्म के बाद बच्चों को किसी तरह के संक्रमण से सुरक्षित करने लगाया जाता है। टीका बच्चों को निमोनिया से बचाती है। बच्चों के डेढ़ माह पूरा होने और साढ़े 3 माह होने पर टीका लगता है। 9 माह होने पर बूस्टर डोज लगाया जाता है। अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र के अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों में पहुंचकर स्वास्थ्य कार्यकर्ता बच्चों को टीका लगाते हैं।रिपोर्ट आने पर चलेगा सही कारण का पता:-कोरबा बीएमओ डॉ. दीपक राज के मुताबिक आंगनबाड़ी केंद्र में स्वास्थ्य कर्मी द्वारा टीका लगाया गया था। टीका लगाने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाता है। ऐसे में गलती की संभावना कम है। हालांकि पोस्टमार्टम में सही कारण का पता चलेगा। एकसपायरी डेट का टीका लगाने की वजह से मौत होना पाया जाएगा तो टीकाकरण में शामिल टीम पर कार्रवाई की जाएगी।

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Author: mithlabra