छपरा । सारण सांसद राजीव प्रताप रुडी ने जहरीली शराब के कारण असमय काल कवलित हुए मृतकों के परिजनों से मुलाकात की साथ ही इलाजरत पीड़ितों से भी मिले और चिकित्सको को उनके उचित इलाज का निर्देश भी दिया। इस दौरान सांसद ने सवालिया लहजे में कहा कि जिन्होंने शराब पी उनको तो सजा मिल गई और वो अपना प्राण गंवा बैठे लेकिन उनके आश्रित जो परिजन है उनका क्या दोष है कि उनको राज्य सरकार ने अपने हाल पर छोड़ दिया है, रोने बिलखने और जिंदगीभर के कष्ट के लिए। इस दौरान सांसद रूड़ी मशरख प्रखंड के मशरख तखत, मढ़ौरा के ग्राम लालपुर हसनपुरा पंचायत, अमनौर के हुसेपुर, तरैया के छपिया गांव में गए जहाँ उनके साथ अमनौर विधायक मंटू सिंह, अनिल सिंह, राकेश सिंह समेत सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता भी थे। रुडी ने कहा कि सवाल किया कि शराबबंदी के का कानून लागू करने की जिम्मेदार राज्य सरकार की थी तो उसका कड़ाई से पालन करना भी तो राज्य सरकार की ही जिम्मेदारी थी। आखिर यह जिम्मेदारी को लेगा? प्रशासन को चुस्त दुरुस्त करना तो राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। निश्चित रूप से जो लोग मरे है वह एक राज्य सरकार प्रायोजित नरसंहार है। एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए सांसद ने बताया कि 100 से अधिक मृतकों के शव का पोस्टमॉर्टम एक साजिश के तहत नही होने दिया गया और उनके परिजनों पर दबाव बनाया गया कि वो जल्दी से जल्दी उनका दाह संस्कार करें। मृतकों में सबसे अधिक, पिछड़ा-अतिपिछड़ा, दलित और महादलित समाज के लोग है। सभी मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालने वाले गरीब है जिन्होंने अपना जीवन खोया है। शराबबंदी में यदि शराब पीने वाला दोषी है तब यह सवाल उठता है कि आखिर शराब आती कहाँ से है, उसे पहुंचता कौन है और ऐसे जहरीली शराब का कारोबार करने वालों का संरक्षक कौन है। क्या इसमे इस जहरीले और अवैध कारोबार को न रोक पाने वाला या इसको संरक्षण देने वाला दोषी नही है ।कानून की विफलता के लिए दोषी कौन है। इसमे मरने वालों के परिवारवालों का क्या दोष है? मुख्यमंत्री को स्वयं मृतकों के परिजनों से मिलकर संवेदना प्रकट करनी चाहिए और मुआवजा देना चाहिए। रुडी ने बताया कि कल पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी भी छपरा आएंगे और मृतकों के परिजनों से मिलेंगे। मृतकों के परिजनों को त्वरित राहत की आवश्यकता है जिसे मुख्यमंत्री को पूरा करना चाहिए।

Author: mithlabra
