साइकिल पार्ट्स बनाने की फैक्ट्री में लगी भीषण आग,तीन की मौत,दो की हालत गंभीर

मचा कोहराम,पुलिस आयुक्त और डीएम मौके पर पहुंचे
कानपुर । शहर में फजल गंज क्षेत्र में साइकिल पार्ट्स बनाने की फैक्ट्री में शुक्रवार तड़के भीषण आग लग गई। हादसे में 3 मजदूरों की जिंदा जलकर मौत हो गई। वहीं, 5 गंभीर झुलस गए। घटना के वक्त फैक्ट्री में 19 मजदूर थे। जिसमें 11 को रेस्क्यू किया गया। सभी को एलएलआर अस्पताल ले गए। जहां डाक्टर ने तीन की मौत की पुष्टि की। वहीं गंभीर रूप से झुलसे दो की हालत गंभीर है, उन्हें हैलट अस्पताल के आईसीयू में रखा गया है। मृतकों में उन्नाव के बारा सरवर निवासी जय प्रकाश सिंह, सचेंडी निवासी नरेन्द्र उर्फ बिन्नू और शिवराजपुर के छतरपुर निवासी प्रदीप उर्फ राजू गौतम हैं। वहीं दमकल कर्मियों ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। वहीं ये आग कई परिवारों को जिंदगी भर का दर्द दे गई।
फजलगंज इलाके के गड़रियनपुरवा में साइकिल पार्ट्स बनाने की फैक्ट्री एसके इंडस्ट्रीज है। इसके मालिक डबल पुलिया निवासी सुनील कटियार हैं। फैक्ट्री में साइकिल की गद्दी और पैडल बनाए जाते हैं। शुक्रवार सुबह करीब 4 बजे फैक्ट्री में अचानक आग लग गई। गद्दी का फोम का सामान होने के कारण आग इतनी तेजी से फैली कि किसी को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला। आग की तेज लपटों में 3 मजदूर फंस गए, उनकी जिंदा जलकर मौत हो गई। वहीं हादसे की सूचना पर पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड और डीएम विशाख जी खुद मौके पर पहुंचे। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली। इसके बाद हैलट में घायलों का हाल लेने के लिए पहुंचे।
थिनर के ड्रम से धधक उठी फैक्ट्री
फायर ब्रिगेड टीम की प्राथमिक जांच में सामने आया है कि फैक्ट्री में थिनर भरा ड्रम रखा हुआ था। शॉर्ट सर्किट से आग लगते ही थिनर भरे ड्रम तक आग पहुंच गई। इसके चलते थिनर भरा ड्रम फट गया और फैक्ट्री को आग ने पूरी तरह अपनी चपेट में ले लिया।
नहीं ली गई थी फायर एनओसी
सीएफओ ने बताया कि प्राथमिक जांच में सामने आया कि फैक्ट्री संचालक के पास अग्निशमन विभाग से किसी तरह की एनओसी नहीं ली गई थी। मकान में फैक्ट्री संचालित की जा रही थी। बाहर निकलने और आपातकालीन कोई रास्ता नहीं था। इसके चलते आग लगते ही सभी कर्मचारी फंस गए और 3 की मौत हो गई।
भाई को नहीं बचा सका, बारात से पहले उठी अर्थी
फजलगंज गड़रियनपुरवा अग्निकांड में मृतक प्रदीप उर्फ राजू गौतम (24) शिवराजपुर के छतरपुर के रहने वाले थे। पिता राजकुमार ने बताया कि राजू तीन भाइयों पिंटू और अवधेश के बाद सबसे छोटा बेटा था। भाई पिंटू ने बताया कि वह भी इसी फैक्ट्री में काम करता है। आग लगते ही पिंटू ने तो छत से कूदकर जान बचाई, लेकिन भाई अंदर चीखता रहा और आग के चलते वह बचा नहीं सका। यह भी बताया कि भाई की शादी तय हो गई थी। जल्द ही दिन और तारीख तय होना था, लेकिन हादसे के चलते बारात से पहले अर्थी उठने से पूरे परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है।
मृतक जय प्रकाश परिहार (45) की पत्नी सीता बार-बार यही कहते हुए बेसुध हो जा रही थीं। परिवार के लोगों ने उन्हें किसी तरह संभाला। पत्नी ने बताया कि उनके दो बच्चे 17 साल का वंश और 14 साल की बेटी खुशी है। पति के निधन के बाद से अब परिवार का खर्च और बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी।
गांव से काम पर न लौटते तो बच जाते
अग्निकांड में मृतक नरेंद्र उर्फ दिन्नू सैनी (30) की पत्नी ज्योति ने बताया कि काम के साथ वह अपने कैंधा गांव सचेंडी में खेती का भी काम देखते थे। 4 दिन पहले ही गांव से लौटे थे और फिर काम पर जाना शुरू किया था। ज्योति ने कहा कि वह गांव में कुछ दिन और रुकना चाहते थे, लेकिन उन्होंने यहां अकेले होने के चलते पति को बुला लिया था और उनकी जलकर मौत हो गई। खुद को ही दोषी मानकर बार-बार बदहवास हो जा रही थीं। मृतक के भाई सुरेंद्र, उमेश और सुशील समेत परिवार के अन्य लोग पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और पत्नी को संभाला।

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Author: mithlabra