नयी दिल्ली। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के महासचिव शाजी प्रभाकरण ने ‘विजन 2047’ की घोषणा करते हुए कहा कि वह अगले 25 साल में भारत को एशियाई फुटबॉल के शीर्ष चार देशों में पहुंचाना चाहते हैं। गौरतलब है कि भारत फिलहाल एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) में 19वें स्थान पर है, जबकि फीफा रैंकिंग में वह 106वें स्थान पर है। भारतीय फुटबॉल की सूरत बदलने के लिये तैयार किये गये नक्शे ‘विजन 2047’ में राष्ट्रीय टीम, फुटबॉल प्रशासन, बुनियादी ढांचे, महिला फुटबॉल और जमीनी स्तर के फुटबॉल से जुड़ी योजनाएं पेश की गयीं। विजन 2047 को बेहतर तरीके से लागू करने के लिये चार साल की छह रणनीतिक योजनाओं में विभाजित किया गया है। इनमें से पहल अवधि 2026 में पूरी होगी। प्रभाकरण ने यहां संवाददाताओंं को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय टीम को एएफसी रैंकिंग के शीर्ष चार में पहुंचाने के अलावा महासंघ भारत में फुटबॉल के लिये एक जीवंत माहौल तैयार करना चाहते हैं। राष्ट्रीय टीमों के अनुभव में इजाफा करने के लिये साल में कम से कम दो बार महाशिविर आयोजित किये जायेंगे। महिला और पुरुष अंडर-17 विश्व कप में योग्यता के आधार पर जगह बनाना भारत की प्राथमिकता होगी। प्रभाकरण ने कहा कि एआईएफएफ इस दिशा में काम करते हुए अपने संगठनात्मक ढांचे में व्यापार और वाणिज्य विभाग जोड़ने जा रहा है। महासंघ के इतिहास में पहली बार शुरू होने वाले इस विभाग का उद्देश्य एआईएफएफ के राजस्व को बढ़ाना और उसे वित्तीय रूप से मजबूत करना होगा। साल 2026 तक व्यापार और वाणिज्य विभाग का लक्ष्य एआईएफएफ के राजस्व को 500 प्रतिशत करना और तीन ‘प्रमुख टेलीविजन सामग्री’ लॉन्च करना होगा।
प्रभाकरण ने जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि एआईएफएफ का 2026 का लक्ष्य जमीनी कार्यक्रमों के माध्यम से 3.5 करोड़ बच्चों तक पहुंचना और पूरे भारत के 100 गांवों में ग्रामीण जमीनी कार्यक्रमों को लागू करना है। ‘फ्लैगशिप ग्रासरूट प्रोजेक्ट’ का उद्देश्य 10 लाख खिलाड़ियों को पंजीकृत करना और 2.5 करोड़ बच्चों को फुटबॉल स्कूलों के माध्यम से फुटबॉल शिक्षा प्रदान करना है।महिला फुटबॉल से जुड़े लक्ष्यों के बारे में प्रभाकरण ने बताया कि महासंघ 2026 तक चार-स्तरीय लीग टेबल पिरामिड का निर्माण सुनिश्चित करेगा, जिसके शीर्ष पर भारतीय महिला लीग (10 टीमें) का कब्जा होगा। इसके बाद द्वितीय श्रेणी (आठ टीमें) लीग और आठ टीमों के साथ पांच जोनल लीग भी होंगी। इसके अलावा, एक नयी महिला युवा लीग संरचना प्रस्तावित की गयी है जिसमें विभिन्न आयु समूहों के खिलाड़ी न्यूनतम 14 मैच खेलेंगे। एआईएफएफ ने बुनियादे ढांचे में सुधार की दिशा में काम करते हुए 2026 तक एक स्मार्ट स्टेडियम और दो फीफा मानक के स्टेडियम बनाने का लक्ष्य रखा है। साथ ही वह 2047 तक फीफा मानक पर खरे उतरने वाले 30 स्टेडियम और 12 स्मार्ट स्टेडियम बनाना चाहते हैं। प्रभाकरण ने बुनियादी ढांचे की योजनाओं पर रोशनी डालते हुए कहा कि महासंघ ने अगले 25 साल में हर जिले में कम से कम 50 फुटबॉल पिचें और 50 पेशेवर फुटबॉल क्लबों के लिये उनके अपने ट्रेनिंग स्थल तैयार करने की योजना बनायी है। इससे पहले महासंघ सरकारी अधिकारियों, फुटबॉल क्लबों, कॉरपोरेट घरानों और निजी निवेशकों को बुनियादी ढांचे में निवेश करने के लिये प्रोत्साहित करने के इरादे से नीतिगत हस्तक्षेप करेगा। साल 2024 तक एक ग्रेडिंग और लाइसेंसिंग मानदंड लागू होगा, जबकि 2026 तक एक मेगा फुटबॉल पार्क औपचारिक रूप से तैयार किया जायेगा। एआईएफएफ के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने इस अवसर पर कहा कि उन्होंने यह नक्शा तैयार करने के लिये भारत के उन क्षेत्रों का दौरा किया, जिन्हें ‘पिछले 85 वर्षों में’ नहीं खंगाला गया। उन्होंने कहा कि भारतीय फुटबॉल को इस समय एक फलसफे की जरूरत है, जिसे बुनियाद बनाकर इन लक्ष्यों को हासिल किया जा सकता है। चौबे ने कहा, “विजन 2047 वह तस्वीर पेश करता है जहां हम अपने देश की आजादी के सौ साल पूरे होने पर भारतीय फुटबॉल को देखना चाहते हैं। ऐसे समय में जब विश्व मंच पर भारत की भूमिका तेजी से प्रमुख होती जा रही है, हम अपने राष्ट्र के जैसी एक महत्वाकांक्षी यात्रा शुरू कर रहे हैं। यह केवल महासंघ की यात्रा नहीं है, बल्कि एक ऐसी यात्रा है जो भारतीय फुटबॉल से जुड़ी हर इकाई द्वारा एक साथ तय की जाएगी।” उन्होंने कहा, “मैं भारतीय फुटबॉल के वैभवशाली दिनों को फिर से बहाल करने का सपना देखता हूं, जैसा कि 1950 और 60 के दशक में था और इसे एक बार फिर से एशियाई फुटबॉल का केंद्र बनना चाहता हूं। सपने देखना हमारा अधिकार है और उस सपने को पूरा करने के लिये हर संभव प्रयास करना हमारा कर्तव्य है। हम भारतीय फुटबॉल को उन ऊंचाइयों तक ले जाने की आकांक्षा करते हैं, जहां हम पहले कभी नहीं बढ़े।”

Author: mithlabra
