राहुल के फिर से सांसद बनते ही विपक्ष की राजनीति यू टर्न ले लेगी

अभिषेक मनु सिंघवी के नेतृत्व में 18 शीर्ष वकीलों का दल करेगा पैरवी
भोपाल । राहुल गांधी लोकसभा सदस्यता बहाल होना लगभग तय है। एक मानहानि प्रकरण में सूरत के सीजेएम कोर्ट ने कांग्रेस के टिकट पर वायनाड से जीते राहुल गांधी को दो साल की सजा दी थी। सुप्रीम केार्ट के 2013 के फेसले के अनुसार दो या दो वर्ष से अधिक की सजा मिलते ही विधानसभा या लोकसभा की सदस्यता अपने आप समाप्त हो जाती है। इसी फैसले के चलते राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त हो गई थी। कांग्रेस इस फैसले के खिलाफ सेशनल कोर्ट में अपील कर रही है। अभिषेक मनु सिंघवी के नेतृत्व में 18 शीर्ष वकीलों का दल राहुल की पैरवी करेगा। राहुल खुद कोर्ट में हाजिर होंगे। विधि विशेषज्ञों के अनुसा सूरत के सीजेएम कोर्ट के फैसले में ऐसी कई तकनीकी खामियां हैं जिनके कारण राहुल को सेशन कोर्ट या हाई कोर्ट में राहत मिलेगी। ऐसे में उनकी सदस्यता बहाल होना तय है। राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता बाहल होते ही भारतीय राजनीति एक बार फिर से यू-टर्न लेगी। अभी इस मुद्दे पर विपक्षी दल एकजुट हैं। आम आदमी पार्टी, तृणमतूल कांगे्रेस और बीआरए जैसी कांग्रेस विरोधी गैर भाजपाई पार्टियां भी कांग्रेस का साथ दे रही हैं, लेकिन राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता बहाल होते ही कांग्रेस फिर से उन्हें प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने की मुहिम छेड़ देगी। जाहिर है इससे विपक्षी एकता पर असर पड़ेगा। वैसे ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और एचडी देवेगौड़ा की जनता दल एस पाटभर्् ने पहले ही घोषित किया है कि वह कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। जनता दल एस कर्नाटक में अकेले चुनाव लड़ रही है। इस कारण से कर्नाटक विधानसभा का चुनाव त्रिकोणीय हो गया है। 91 वर्षीय एचडी देवेगौड़ा सहानुभूति कार्ड खेल रहे हैं और भाजपा तथा कांग्रेस दोनों को लताड ऱहे हैं। 2014 के लोकसीा चुनाव में राहुल गांधी के नेतृत्व में चुनाव लडऩा भाजपा के लिए फायदेमंद है। भाजपा की हमेशा रणनीति रही है कि लोकसभा का मुकाबला मोदी बनाम राहुल गांधी हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में यही कोशिश की है कि मुकाबला उनके और राहुल गांधी के बीच हो जिससे दोनों के व्यक्तित्व का अंतर जनता के समझ में आए और जनता को उन्हें (नरेन्द्र मोदी) को चुनने में दुविधा ना हो। राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जो जरबदस्त समर्थन मिला है उसके बाद कांग्रेस ने उन्हें भावी प्रधानमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करना शुरु कर दिया था।

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Author: mithlabra