कर्मचारी जगत के दो संगठनों का विलीनीकरण : छत्तीसगढ़ के सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों का संगठन एकजुट, सचिवालय के सामने लगाए नारे, प्रशासन में हड़कंप

दुर्ग . छत्तीसगढ़ के अधिकारी कर्मचारियों के लंबित मांगों को पूरा करने के लिए पांच लाख कर्मचारी अधिकारी और सवा लाख पेंशनर गोलबंद होने लगे हैं। शासन के खिलाफ  आंदोलन करने के लिए आज इन के 2 बड़े संगठन छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन और छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ की बैठक सोमवार को मंत्रालय में संपन्न हुई। अध्यक्षता कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत ने की इसमें दोनों संगठनों ने साथ मिलकर आंदोलन करने और मंत्रालय की गतिविधियों को ठप कर देने का फैसला लिया। बैठक में 9 प्रतिशत महंगाई भत्ता महंगाई राहत दे तिथियों से देने एवं एचआरए का सातवें वेतनमान के अनुसार पुनरीक्षित भुगतान पदोन्नति चार क्रमोन्नति और वेतन विसंगति दूर करने की मांगों को लेकर दोनों संगठनों के संयुक्त बैनर तले आंदोलन करने पर सहमति बनी।

इस अवसर पर फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने बताया कि आंदोलन के संचालन के लिए 11 सदस्य कोर टीम कमेटी बनाई जाएगी।  कोर कमेटी के सदस्यों के नाम और आंदोलन की तिथि का ऐलान संयुक्त रूप से निर्णय लेकर किया जाएगा। बैठक में सर्वप्रथम एक दिवसीय पूरे छत्तीसगढ़ के अधिकारी कर्मचारी कलम बंद हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया उसके पश्चात भविष्य की अनिश्चितकालीन हड़ताल की रूपरेखा खींची जाएगी।

इस अवसर पर फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा जी युवा महासंघ के प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्ला दोनों ने हाथ मिलाकर कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए हाथ मिलाए। जिससे छत्तीसगढ़ प्रदेश के समस्त अधिकारी कर्मचारियों में खुशी व्याप्त है। बैठक में वरिष्ठ राजेश चटर्जी, बीपी शर्मा, ओपी शर्मा, संजय शर्मा, महेंद्र सिंह राजपूत, चंद्रशेखर तिवारी, संजय तिवारी, पंकज पांडे, बीएस राव एवं फेडरेशन से जुड़े सभी प्रदेश अध्यक्ष उपस्थित रहे। बैठक के पश्चात सभी प्रांत अध्यक्षों ने हर्ष व्याप्त करते हुए एक दूसरे से हाथ मिला कर बधाई दी और कर्मचारी हितों की रक्षा की बात दोहराई एवं सचिवालय के सामने नारे लगाए। जिससे छत्तीसगढ़ प्रदेश के समस्त अधिकारी कर्मचारियों में खुशी व्याप्त हो। संघ के अधिकारी-कर्मचारियों ने अपने अपने प्रांत अध्यक्षों को बधाइयां दे रहे हैं।

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Author: mithlabra