विधानसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ सरकार की मुश्किलें बढ़ीं, प्रदेश के शासकीय कर्मचारी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर करेंगे 7 जुलाई को बड़ा आंदोलन

छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले सरकारी कर्मचारियों ने सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है. अगले महीने से प्रदेशभर में कर्मचारी छुट्टी लेकर धरने पर बैठने वाले है.महंगाई भत्ता और एचआरए लेकर हड़ताल शुरू होगा. दरअसल छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन, छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ, छत्तीसगढ़ मंत्रालयीन कर्मचारी संघ, शिक्षक संगठन/एसोसिएशन और प्रदेश के अन्य कर्मचारी संगठनों के प्रमुख लोगों ने मिलकर एक बड़ी बैठक की है। इस बैठक में आने वाले समय में एक साथ सभी संगठन के कर्मचारी कलम बंद हड़ताल पर जाने की योजना बना रहे हैं। इससे सरकार के विभागीय कार्यों पर प्रभाव पड़ सकता है। इसका असर आने वाले 7 जुलाई को देखने को मिलेगा क्योंकि, कर्मचारियों ने प्रदेश व्यापी बंद कर सभी कर्मचारी ड्यूटी से छुट्टी लेकर धरना प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद सरकार भी कर्मचारियों की मांग पूरी नहीं होती है, तो इस आंदोलन को अनिश्चितकाल समय तक के लिए बढ़ाया जा सकता है।

राज्यस्तर पर कर्मचारी 7 जूलाई को काम बंद रखेंगे
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा होने वाले इस आंदोलन में 7 जुलाई के एकदिवसीय बंद की घोषणा की गई है, इसके बाद कर्मचारी 1 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का एलान कर चुके है। फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने बयान जारी कर बताया कि प्रदेश भर के शासकीय कर्मचारी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर 7 जुलाई को राज्यस्तर पर बंद करेंगे। इसमें जिला, ब्लॉक और तहसील में सामूहिक अवकाश लेकर कर्मचारी धरना प्रदर्शन और रैली निकालकर अपनी मांग रखेंगे। उसके पश्चात 1 अगस्त 2023 से अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे। जिसमें समस्त विभाग छत्तीसगढ़ शासन के बंद रहेंगे जिसकी सूचना शासन को दे दी गई।

1 अगस्त से अनिश्चित कालीन हड़ताल
संयुक्त मोर्चा के कर्मचारियों ने बताया कि सातवे वेतन पर गृहभाड़ा भत्ता, केंद्र के समान कर्मचारियों और पेंशनरों को महंगाई भत्ता, पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने, जन घोषणा पत्र अनुसार चार स्तरीय वेतनमान सहित अनियमित/ दैनिक वेतन भोगी/अन्य कर्मचारियों का नियमितीकरण, राज्य में लागू किये गए पुरानी पेंशन योजना में पेंशन पात्रता/ निर्धारण के लिए शिक्षक अन्य संवर्गों की क्वालीफाइंग सेवा की गणना प्रथम नियुक्ति तारिख से किये जाने जैसे मुददों पर विरोध प्रदर्श करेंगे। इसके तहत कर्मचारी विरोध में 7 जुलाई को प्रदेश के सरकारी दफ्तरों को बंद करने का निर्णय लिया है। अगर सरकार मांगे नहीं मानती है, तो राज्य के 1 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे। कार्यक्रम का मंच संचालन प्रांत अध्यक्ष शिक्षक कांग्रेस राजेश चटर्जी ने किया। कमल वर्मा ने 7 जुलाई से होने वाले आंदोलन की रणनीति बताई।

 

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Author: mithlabra