भोपाल . मध्यप्रदेश (MP) में चुनाव से पहले राजनीतिक लड़ाई ‘मामा’ और ‘चाचा’ तक आ गई है. ‘मामा’ के नाम से मशहूर शिवराज सिंह चौहान के सामने अरविंद केजरीवाल ने खुद को ‘चाचा’ बोलकर एमपी में चुनावी ताल ठोक दी है. वहीं, कांग्रेस बोल रही है कि ‘मामा’ और ‘चाचा’ नहीं, बल्कि एमपी रूपी परिवार को संभालने के लिए ‘दादा’ यानी कमलनाथ की जरूरत है.
दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुनावी साल में वादों के पिटारों की गारंटी लेकर मध्यप्रदेश आए थे. उन्होंने एक के बाद एक शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, रोज़गार और भ्रष्टाचार को लेकर जनता के सामने वादों की झड़ी लगा दी. लेकिन केजरीवाल जानते हैं कि एमपी में उनका मुकाबला ‘मामा’ की छवि वाले शिवराज सिंह चौहान से है. लिहाज़ा, आम आदमी पार्टी के नेता ने जनता के सामने खुद को ‘चाचा’ बता दिया. केजरीवाल खुद को चाचा बताते हुए कहा, ”मैंने सुना है यहां एमपी में मामा है, आप उनको भूल जाओ अब चाचा आ गया है. अब चाचा स्कूल-कॉलेज खोलेगा.”
AAP को एक मौका दो: केजरीवाल
केजरीवाल के निशाने पर भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस भी है. एमपी आए केजरीवाल ने कहा कि यहां AAP को एक मौका दो, कांग्रेस और भाजपा दोनों को भूल जाओगे. केजरीवाल की आम आदमी पार्टी I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल है. लिहाज़ा इस तरह से उनका कांग्रेस पर हमला पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को रास नहीं आ रहा. भोपाल में पत्रकारों से बात करते हुए कमलनाथ ने कहा कि केजरीवाल को यह बंद करना चाहिए.
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में सबसे लंबे समय तक राज करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ‘मामा’ के नाम से जाने जाते हैं. शिवराज हर बार जनता से संवाद करते समय बकायदा इसका ज़िक्र भी करते रहते हैं. मध्यप्रदेश में शिवराज की ‘मामा’ के रूप में लंबे समय से छवि बनी हुई है. यहां तक कि माफियाओं और अपराधियों की संपत्तियों पर जब बुलडोज़र चला तो उसे भी ‘मामा का बुलडोज़र’ नाम दिया गया. लेकिन एमपी की पॉलिटिक्स में ‘चाचा’ केजरीवाल की एंट्री हुई तो बीजेपी ने पूछ लिया कि केजरीवाल दिल्ली और पंजाब में किस नाम से पुकारे जाते हैं?
जनता सिर्फ मामा को जानती है: BJP
मध्यप्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, केजरीवाल खुद को यहां चाचा बता रहे हैं. लेकिन वो ये बताएं कि दिल्ली और पंजाब में उन्होंने जो बेड़ा गर्क किया है, वहां उन्हें किस नाम से बुलाया जाता है? केजरीवाल के झूठे मॉडल की पोल खुल चुकी है, यहां तो जनता सिर्फ मामा को जानती है.
जनता को चाहिए ‘दादा’ : कांग्रेस
बीजेपी के पास ‘मामा’ हैं तो आम आदमी पार्टी के पास ‘चाचा’ आ गए हैं, ऐसे में भला कांग्रेस क्यों पीछे रहती. कांग्रेस ने भी दम भर दिया कि जनता को मामा या चाचा नहीं बल्कि ‘दादा’ चाहिए, जो परिवार के मुखिया की तरह प्रदेश को भी संभाले और यह ‘दादा’ और कोई नहीं बल्कि कमलनाथ हैं. एमपी के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि जनता ने मामा औऱ चाचा दोनों का झूठ पकड़ लिया है. इसलिए जनता ने इन दोनों को ठुकराने का मन बना लिया है. अब तो जनता को चाहिए दादा. जिस प्रकार से दादा परिवार का मुखिया होता है और परिवार का नेतृत्व करते हैं, वैसे ही कमलनाथ जी एमपी का नेतृत्व करेंगे. बहरहाल, एमपी के चुनावी समर में सभी राजनीतिक दलों ने ताल ठोक दी है लेकिन ‘मामा’, ‘चाचा’ और ‘दादा’ के बीच का टकराव आने वाले दिनों में और बढ़ सकता है.

Author: mithlabra
