Modi Birthday: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 73वें जन्मदिन पर कई कार्यक्रम हो रहे हैं। भाजपा सेवा पखवाड़ा शुरू कर रही है। पीएम लोकप्रियता के शिखर पर पहुंच चुके हैं। उनके जन्मदिन पर पढ़िए पीएम मोदी का किस्सा।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हैं लेकिन इस शिखर तक पहुंचने के पीछे एक कहानी है। यह उनके सेवा, समर्पण और संघर्ष की दास्तां है। आमतौर पर लोग सफलता को जानते हैं संघर्ष को कोई नहीं पहचानता लेकिन मोदी की सफलता का राज जानना हो तो उनके जीवन का कोई एक उदाहरण काफी है। एक वरिष्ठ पत्रकार ने मंच से ऐसा ही एक दिलचस्प किस्सा सुनाया। 1987 में मोदी पहली बार अपनी पहचान बना पाए थे। अहमदाबाद में म्युनिसिपल इलेक्शन हो रहा था। मोदी गुजरात में बीजेपी के महासचिव बनाए गए थे। अमित शाह तब अहमदाबाद सिटी के सचिव थे। बताते हैं कि इसी चुनाव में मोदी-शाह की पहली बार मुलाकात हुई थी। वह हर गली, नुक्कड़ पर जाकर देख रहे थे कि सब भाजपा कैंडिडेट्स के पोस्टर दिखाई दे रहे हैं या नहीं। मोदी स्कूटर के पीछे बैठते थे और अमित शाह चला रहे होते। आज वह राजनीति के शिखर पर हैं लेकिन उनका संघर्ष आम लोगों के साथ-साथ नेताओं को भी जानना चाहिए जो सफलता ‘रेडीमेड’ चाहते हैं। 40 साल की यात्रा उनके परिश्रम की है जिससे नेताओं को प्रेरणा लेनी चाहिए। आगे एक और छोटा सा किस्सा पढ़िए।
बीजेपी पहली बार गुजरात जीती थी
तब मोदी मास-लीडर नहीं थे। पटेलों के प्रभुत्व वाली गुजरात राजनीति में वह ओबीसी नेता के तौर पर जाने जाते थे। 1995 में बीजेपी पहली बार गुजरात में जीती थी। खानपुर में छोटा सा ऑफिस हुआ करता था। मोदी जी बाहर बैठे खाखरा खा रहे थे और बड़े नेता- शंकर सिंह वाघेला, केशुभाई पटेल और सुरेश मेहता अंदर के रूम में बैठे थे। उस जीत में मोदी का भी काफी योगदान था। जब एक वरिष्ठ पत्रकार ने पूछा तो उन्होंने कहा कि वे बड़े नेता हैं उन्हें बैठने दीजिए मैं यहां ठीक हूं। वास्तव में उन्हें इस मीटिंग में बुलाया ही नहीं गया था।
1998 में कहा था जनता बहुमत दे तो…
वो तारीख थी 22 मार्च और साल था 1998, केंद्र में भाजपा की सरकार बन चुकी थी। गठबंधन सरकार थी। उस समय देश की राजनीति में काफी उथल-पुथल देखी जा चुकी थी। भाजपा का दावा था कि उसकी सरकार जब भी बनेगी तो स्थायी होगी। गठबंधन के दलों का रवैया देख पूछा जाने लगा था कि क्या यह सरकार टिक पाएगी? एक न्यूज चैनल के स्टूडियो में नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया गया। पहला सवाल पूछा गया कि आपने अपनी विचारधारा के साथ समझौता किया। मोदी ने जवाब दिया, ‘आइडियोलॉजी का जहां तक सवाल है तो भाजपा ने कोई समझौता नहीं किया। हमने अपने मैनिफेस्टो में से एक भी चीज नहीं निकाली है। हिंदुस्तान की जनता ने हमको जितनी मात्रा में वोट दिया, उतनी मात्रा में ही डेलिवर कर सकते हैं। अगर हमको दो तिहाई बहुमत दिया होता तो हम धारा 370 को भी निकालने का निर्णय कर सकते थे। हिंदुस्तान की जनता ने हमको यही कहा है कि फिलहाल सबके साथ चलकर जो कॉमन चीजें हैं वो करवाइए।’ आगे चलकर उनकी बात सच साबित हुई और पूर्ण बहुमत मिलने के बाद मोदी सरकार ने धारा 370 को समाप्त किया।
मोदी के बारे में दिलचस्प बातें
- मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ। 8 साल की उम्र में वह आरएसएस के जूनियर कैडेट बने। उनके मेंटोर थे लक्ष्मणराव इनामदार।
- युवा उम्र में मोदी साधु बनना चाहते थे। दो साल उन्होंने हिमालय पर बिताए और ध्यान में तल्लीन रहने लगे।
- जब मोदी को 2001 में गुजरात का सीएम नियुक्त किया गया तब वह विधानसभा के सदस्य नहीं थे।
- मोदी देश के पहले पीएम हैं जिनका जन्म 1947 में आजादी के बाद हुआ था।
- वह काफी पढ़ते रहे हैं और कविताएं भी लिखते थे।
- करीब 13 साल के अपने सीएम कार्यकाल में बताते हैं कि मोदी ने एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली और तीन से अधिक लोगों का स्टाफ नहीं रखा।
- उनका फैशन सेंस गजब का है। उनके जैकेट और अलग कुर्ते ने उन्हें फैशन आइकन के रूप में पहचान दिलाई है।
- मोदी के ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर 91.7 मिलियन फॉलोअर हैं।

Author: mithlabra
